उज्जैन जिला मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान
मध्य प्रदेश के जिलों से संबंधित सामान्य ज्ञान की शृंखला में यहां पर आप उज्जैन जिले से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य एवं परीक्षा उपयोगी जानकारी प्राप्त करेंगे,
उज्जैन जिला धार्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है, साथ ही साथ प्रशासनिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से भी अनेक स्थान पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
उज्जैन जिले से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य एवं परीक्षा उपयोगी जानकारी
- उज्जैन नगर का प्राचीन नाम उज्जयिनी व अवंतिका है।
- उज्जैन को मंदिरों की नगरी भी कहते हैं,
- उज्जैन को महाकाल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है
- उज्जैन नगर मध्य प्रदेश का सबसे प्राचीन नगर माना जाता है,
- यह शिप्रा नदी के तट पर स्थित है
- उज्जैन शहर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है
- राजा विक्रमादित्य ने उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया था
- मौर्य सम्राट अशोक भी उज्जैनी के राज्यपाल रहे
- उज्जैन में हर 12 वर्ष में कुंभ मेला लगता है ।
- उज्जैन में ही सांदीपनि आश्रम स्थित है यहां पर भगवान कृष्ण उनके परम मित्र सुदामा एवं बलराम में शिक्षा ग्रहण की थी।
- महाकवि कालिदास उज्जैन के इतिहास प्रसिद्ध सम्राट विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे,
- मेघदूत में महाकवि कालिदास ने उज्जैन नगर का सुंदर वर्णन किया है
- उज्जैन शहर 18वीं शताब्दी में मराठा सेनानी 'सिंधिया' का मुख्यालय था
- उज्जैन नगर में ही सबसे पहले 0 अर्थात जीरो का उपयोग ब्रह्मगुप्त ने किया था
- छठवीं और सातवीं शताब्दी में उज्जैन खगोल विज्ञान का एक प्रमुख केंद्र रहा है
- उज्जैन में प्रतिवर्ष टेपा सम्मेलन का आयोजन किया जाता है
- उज्जैन जिले में महिदपुर कस्बे में सहकारी शक्कर कारखाना स्थापित किया गया था
- उज्जैन जिले के नागदा कस्बे में ग्रासिम इंडस्ट्री के द्वारा कृत्रिम रेशे बनाने का कारखाना स्थापित किया गया है ।
- भर्तहरि की गुफाएं उज्जैन शहर में ही स्थित है यहां पर राजा भर्तहरि ने तपस्या की थी।
- उज्जैन जिले में कायथा नामक स्थान पर ताम्र पाषाण कालीन स्थल प्राप्त हुए हैं ,कायथा से ताम्र पाषाण कालीन युग से संबंधित कई उपकरण एवं साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
- उज्जैन शहर में स्थित वैश्य टेकरी नामक स्तूप की स्थापना सम्राट अशोक ने करवाई थी।
- मंगल ग्रह की उत्पत्ति से संबंधित एवं मंगल ग्रह के महत्वपूर्ण ज्ञान से संबंधित मंगलनाथ का मंदिर इसी शहर में स्थित है।
- यहां पर जंतर मंतर जो कि राजा सवाई जयसिंह ने बनवाया था खगोल विज्ञान का एक प्रमुख केंद्र है।
- Note राजा सवाई जयसिंह ने पूरे भारत में खगोलीय वेधशाला जिन्हें जंतर-मंतर के नाम से जाना जाता है ,का निर्माण करवाया ,इन वेधशाला ओं की संख्या या जंतर मंतर की संख्या 5 है, जिनमें से एक उज्जैन शहर में स्थित है एक मथुरा में स्थित है एक जयपुर में स्थित है एक दिल्ली में स्थित है और एक वाराणसी में स्थित है।
- उज्जैन जिले में दो विश्वविद्यालय स्थापित है
- विक्रम विश्वविद्यालय
- पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय
उज्जैन मध्य प्रदेश के 10 संभागों में से एक है ,उज्जैन संभाग के अंतर्गत कुल 7 जिले आते हैं जिनके नाम निम्न है-
- उज्जैन
- मंदसौर
- नीमच
- रतलाम
- शाजापुर
- आगर मालवा
- देवास।
- उज्जैन शिप्रा नदी के तट पर बसा है।
- उज्जैन शहर से कर्क रेखा गुजरती है।
- उज्जैन जिले की तहसीलें -उज्जैन ,घटिया ,बड़नगर, खाचरोद ,नागदा ,महिदपुर, तराना
- उज्जैन जिले के अंतर्गत आने वाले विकासखंड -उज्जैन ,घटिया ,बड़नगर, खाचरोद, महिदपुर एवं तराना।
- वर्ष 2020 में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता योगेश मालवीय का संबंध उज्जैन से है ,योगेश मालवीय को मलखंब खेल के प्रशिक्षक के रूप में द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया गया है, जो कि मल्लखांब के क्षेत्र में पहला द्रोणाचार्य पुरस्कार है।