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MPPSC HINDI OLD QUESTION PAPER / MPPSC HINDI QUESTIONS

MPPSC MAINS 2019 PREPARATION - HINDI QUESTION 2014-2018/ MOST IMPORTANT QUESTIONS OF HINDI / MPPSC HINDI PAPER 

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            गद्यावतरण का हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद
                           2014
   निम्नलिखित गद्यावतरण का हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद करिए।


प्राचीन भारतीय संस्कृति की मूल्यवान धरोहर हमें गौरवान्वित करने वाली है। औपनिवेशिक मानसिकता के कतिपय विदेशियों ने भी  इसे विकृत करने का प्रयास किया । इससे प्रभावित कुछ भारतीय विद्वानों ने भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की है। आज हमें इसे समझ कर सुधारना चाहिए ।अनेक महापुरुषों ने भी प्रकार से अपने विचारों को व्यक्त किया है क्योंकि यहां अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता सबको रही है भिन्नताओं के बावजूद उनके विचारों में, भावों में पर्याप्त समानता भी है यह देश मूलतः पंथनिरपेक्ष रहा है यहां सबको समान अवसर सहज ही प्राप्त हो रहा है ।हमें इस महान परंपरा का निर्वाह करना होगा ताकि किसी भी प्रकार से विघटनकारी तत्व प्रभावी ना हो पाए ।भारत को समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि सबको विकास के समान अवसर मिल सके।
             गद्यावतरण का हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद
                           2015
राष्ट्रीय चेतना का प्रवाह अविराम गति से बहता रहता है ।जिस प्रकार हिमालय से निकलने वाली गंगा अनेक मार्ग और रूप ग्रहण करती है तथा भारत के लोगों को की आध्यात्मिक और शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा करती है। उसी प्रकार हिमालय की  कंदराओ में रहने वाले मनुष्य के विचार, उनके देशवासियों को अनेक रूपों में ऐक्य का संदेश देने वाले प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं ।गंगा एक है किंतु उसके नाम अनेक है चाहे उसे हम मंदाकिनी कहे या भागीरथी अथवा किसी अन्य नाम से पुकारे , वह है एक ही ।उसका पवित्र जल लोगों को तृप्ती प्रदान करने वाली संजीवनी है ।गंगा देश के सभी स्थानों, समस्त वर्गो,  जातियों, गांवो और शहरों के निवासियों का मां के समान पालन पोषण करती है अपनी जन्मभूमि के प्रति यही मातृत्व भावना भारतीयों की राष्ट्रीय चेतना का मूल आधार है।

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२। जिज्ञासा मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृत्ति है और आनंद प्राप्ति उसकी स्वाभाविक कामना। भौतिकवादी मनुष्य में भी यह दोनों प्रवृतियां स्वाभाविक और जन्मजात है ।उनका संतोषजनक संबंध ना होने पर मनुष्य में एक और अनास्था और दूसरी और भय ,निराशा और अवसाद। यह मानव की विकृत अवस्था कही जा सकती है। सामान्य रूप से आज का मानव अधिक अतृप्तअधिक उद्विग्न और अधिक दुखी है ।इस विकृति से अनेक मानसिक और शारीरिक रोग उत्पन्न होते हैं। सूक्ष्म दृष्टि से देखा जाए तो आज के स्नायु व्यतिक्रम का मूल कारण यह विकृति ही प्रतीत होती है। इस विकृति का निदान और उपचार दोनों ही कठिन है इस प्रकार मानव का मानवत्व  उसके दानवत्व से आच्छादित हो गया है और विडंबना तो यह है कि मानव अपने बाहय परितोष के लिए नैतिक और मानवीय मूल्यों की परिभाषा को ही बदलने में जुटा हुआ है।
        गद्यावतरण का हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद
                           2016

१.  शिक्षा का मतलब यह नहीं कि तुम्हारे दिमाग में ऐसी बहुत सी बातें इस तरह ठूंस दी जाए कि अंतर्द्वंद होने लगे और तुम्हारा दिमाग उन्हें जीवन भर ना पचा सके। जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर , मनुष्य बन सकें,  चरित्र गठन कर सके और विचारों का सामंजस्य कर सकें, वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है । यदि तरह तरह की जानकारियों का संग्रह करना ही शिक्षा है, तब तो यह पुस्तकालय संसार में सर्वश्रेष्ठ मुनि है और विश्व कोष ऋषि। इसीलिए हमारा आदर्श यह होना चाहिए कि अपने देश की समग्र आध्यात्मिक शिक्षा और अलौकिक शिक्षा  के प्रचार का भार अपने हाथों में ले लें और जहां तक संभव हो राष्ट्रनीती से राष्ट्रीय सिद्धांतों के आधार पर शिक्षा का विस्तार करें।

२.  आज राष्ट्र में विभिन्न प्रकार की बुराइयां है । रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार ,अनाचार का चारों ओर बोलबाला है इस गंदे दलदल में सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि बड़े से बड़े शासनाधिकारी तक फंसे हुए हैं ।इन बुराइयों का अंत करना आवश्यक है हम अपने विद्यार्थियों से निवेदन करना चाहते हैं कि यह काम विध्वंसात्मक कार्यों में नहीं बल्कि रचनात्मक योग्यताओं से ही पूरा हो पाएगा।जहां तक संभव हो सके, विद्यार्थियों को राजनीति के कुचक्र में फंस कर अपनी शिक्षा में बाधा नहीं डालनी चाहिए। विद्या और ज्ञान व्यक्ति की पूंजी है। उन्हें खोकर व्यक्ति ठोकरे खाने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं पा सकता।

           गद्यावतरण का हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद
                           2017 

वास्तव में पारिवारिक शब्दावली इसकी समस्या भारतीय भाषाओं के सामने पहली बार नहीं आ रही है। जनभाषा के पक्ष में जिन लेखकों ने संस्कृत में लिखने की पूर्व परिपाटी को छोड़ना चाहा, उनमे से प्रत्येक ने भाषा निर्माण के स्थान पर शब्दों को अन्य भाषाओं से ग्रहण कर अपना काम चलाया है। वस्तुतः शब्द और शब्द समूह के ग्रहण करने में किसी भाषा का अपमान नहीं होता। यह नितांत स्वाभाविक प्रक्रिया है। शब्दो और अभिव्यक्तियों को केवल शब्द भंडार बढ़ाने के लिए नहीं लिया जा सकता, वरन् किसी विशेष संदर्भ में प्रयुक्त होने वाले शब्दों को उसी संदर्भ में उपयुक्त मानते हुए ग्रहण करना होता है।

२.   ग्रामीण लोग यहां अधिकतर निरक्षर है। वे छोटी-छोटी बातों पर आपस में लड़ते रहते हैं। जब तब वह न्यायालयों में जाते रहते हैं और अपना काफी पैसा व्यर्थ गंवाते हैं‌। एक बार एक गांव वाले ने अपने एक पड़ोसी के विरुद्ध मुकदमा दायर किया। उसने अपने पड़ोसी पर यह आरोप लगाया कि इसने मेरे मवेशी चुराए हैं। उसने कई गवाह पेश किए। पड़ोसी ने न्यायालय को बताया कि उसके पास उसकी फसल को बर्बाद कर रहे थे। उसने भी कई गवाह पेश किए ।मजिस्ट्रेट ने जांच के लिए आदेश दिया। जांच से पता चला कि पहले आदमी के कोई पशु नहीं थे और दूसरे की कोई फसल नहीं थी।

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           गद्यावतरण का हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद
                           2018

संसार में कदाचित ही कोई ऐसी इमारत होगी , जो सौंदर्य और वैभव में ताजमहल की बराबरी कर सकती हो। यह सुंदर उद्यान से घिरा हुआ है।संतरी की भांति खड़े हुए सरो के वृक्ष वायु को सुगंधित करते हुए खिले पुष्प, संगमरमर की हौज , मछलियों का आह्लादपूर्ण नृत्य और सामने उल्लास से क्रीड़ा करते हुए फौव्वारे इस भव्य भवन का बहुत ही उपयुक्त वातावरण बनाते हैं। एक लेखक कहता है - " यह इतना स्वच्छ, इतना पवित्र जान पड़ता है कि मनुष्य के हाथों द्वारा निर्मित नहीं जान पड़ता। देवदूत इसे स्वर्ग से लाए होंगे और इस पर कांच का एक आवरण बना देना चाहिए जिससे यह वायु की प्रत्येक शवास से सुरक्षित रहे।"

२.   समय पर कार्य करना , कहीं भी समय पर जाना इसे समय की पाबंदी कहा जाता है, जो कोई भी 1 मिनट भी समय व्यर्थ नहीं करता है उसे समय का पाबंद कहा जाता है। यदि तुम समय व्यर्थ करते हो, तो समय तुम्हें नष्ट कर देगा ।जो कोई भी समय का महत्व जानता है वह कभी अपना 1 मिनट भी व्यर्थ नहीं करता है, जो हमेशा समय का पाबंद होता है वह उसकी नौकरी मे उसके अधिकारी द्वारा अच्छा कर्मचारी समझा जाता है। इससे उसका समाज ,रिश्तेदारों व मित्रों में रुतबा बढ़ता है।